स्वास्थ्य में आगे बढ़ेगा उत्तराखंड, बेहतर चिकित्सा के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में बनेगा कौशल केंद्र

मेडिकल की तैयारी कर रहे उत्तराखंड के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के टीचिंग बेस हॉस्पिटल में अत्याधुनिक स्किल सेंटर का शिलान्यास किया। पहले चरण में 146.60 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस सेंटर में बेस अस्पताल और राज्य के सभी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया टीम को आपातकालीन जीवन समर्थन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। , बुनियादी जीवन समर्थन और उन्नत जीवन समर्थन।

स्किल सेंटर के शिलान्यास के मौके पर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इससे लोगों को काफी मदद मिलेगी और इस तरह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ गया है। इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले कौशल केंद्र खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था, जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दी थी। जिसके लिए उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का विशेष आभार व्यक्त किया।

डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में कृषि उत्पादों की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और विभागों में कार्यरत कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ और पैरा मेडिकल स्टाफ को मेडिकल स्टॉक का प्रशिक्षण देने का उद्देश्य है कि किसी भी गंभीर स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।

इस मौके पर एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजय विक्रम सिंह ने स्किल सेंटर की स्थापना के लिए स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने मेडिकल कॉलेज में स्किल सेंटर स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सेंटर के निर्माण के साथ ही यहां बेहद महत्वपूर्ण नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट कोर्स शुरू हो जायेगा। सेंटर में पांच स्किल स्टेशन, लेक्चर रूम, फैकल्टी रूम समेत सभी सुविधाएं होंगी।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के 15 हजार गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे, इन अभियानों के तहत हर छह महीने में प्रत्येक व्यक्ति की मुफ्त स्वास्थ्य जांच होगी। अगर कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसका इलाज जल्द शुरू किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरों की टीम से डेंगू समेत अन्य बीमारियों के प्रसार को देखते हुए विशेष अध्ययन करने को कहा।

बेस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में वरिष्ठ डॉक्टरों के न आने की शिकायत पर भी मंत्री ने नाराजगी जताई, स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और चिकित्सा अधीक्षक को जल्द योजना तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि मरीज लगातार सीनियर डॉक्टरों के इमरजेंसी में नहीं आने की शिकायत करते रहते हैं। जिस पर कॉलेज प्रशासन को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आयुष्मान भव कार्यक्रम में 80 प्रतिशत युवाओं ने योगदान दिया है। इसमें पूरे राज्य में आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत 500 शिविर आयोजित किये गये हैं। अब तक 1 लाख 47 हजार लोग रक्तदान के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जबकि 49 हजार लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया है। प्रदेश में अब तक 61 लाख लोगों की आभा आईडी बनाई जा चुकी है, जबकि लक्ष्य 1 करोड़ आभा आईडी बनाने का है। 53 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जबकि 90 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने युवाओं से इस योजना में अधिक से अधिक पंजीकरण कराने का अनुरोध किया।

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