मैदानी इलाको में भारी बारिश का रेड अलर्ट, उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर साल की पहली बर्फबारी

उत्तराखंड में एक बार फिर मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी देखने को मिल रही है, जिससे निचले इलाकों में ठंड का एहसास हो रहा है। कल बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक 14 सितंबर तक बारिश से राहत की संभावना नहीं है. खासकर 13 सितंबर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, 14 सितंबर तक मौसम परेशानियां बढ़ाता रहेगा।

11 से 14 सितम्बर तक बारिश का रेड अलर्ट

इस दौरान मूसलाधार बारिश के कारण संवेदनशील इलाकों में कुछ जगहों पर हल्के भूस्खलन की भी आशंका है। चट्टानें और मलबा गिरने से सड़कें और राजमार्ग बंद हो सकते हैं। नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चंपावत समेत अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को भारी से बहुत भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। मैदानी इलाकों में भी गरज-चमक के साथ हल्की बारिश के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 11 से 14 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को भी भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों में 12वीं तक के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। बद्रीनाथ-केदारनाथ में बर्फबारी के बाद पूरे इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

वहीं, शनिवार रात से शुरू हुई बारिश से पूरे कुमाऊं में जनजीवन प्रभावित हुआ है। भूस्खलन के कारण कुमाऊं भर में 57 सड़कें बंद हो गई हैं। इनके बंद होने से लोग जहां-तहां फंस गये। चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क पांगला से बुदी तक तीन-चार स्थानों पर बंद है। दोनों तरफ दर्जनों गाड़ियां फंसी हुई हैं। जितना हो सके इन दिनों आपको पहाड़ी इलाकों की यात्रा करने से बचना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि यदि आप इस समय यात्रा करने से बच सकते हैं तो कृपया बचें।

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